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Maithil Chhi Mithila Baas Hamar [ Singer : Rajni Pallavi ]
Poet : Balbhadra Jha "Premi"
िमथिलाक विभुित गौतम, याग्यवल्क, गागीॅ जनक आदिक पािण्डत्यपूणॅ वचन आदि काल सॅ॑ विद्यमान छैक। िमथिलाक मदन, ग॑गेश, गोकुलनाथ, रघुनाथ उपाध्याय सॅ॑ लोकनि शिच्छादानी छलाह। गॅ॑गेश उपाध्याय सॅ॑ स्वम वृहस्पितक पूत्र कच न्याय पढ़य आयल रहथि।
िमथिलाक नाम विदेह, तिरहुत, ितरभुिक्त सेहो छैक। सीताक नाम वैदेही मैिथली सेहो रहनि जिनकर जन्म भू-पृथ्वी सॅ॓ भेल छलनि। िशवजीक धनुष राजा जनक के घर मे॑ रहनि जेकरा कोनो राजा नहि उठा सकल मुदा वैदेही-सीता नित्य वामा हाथ सॅ॑॑ उठाकय धनुषक स्थानक निपिया अपना हाथे करैत छलीह
मिथिलाक महान कवी विद्यापति जनिक जन्म कार्तिक धवल त्रयोदशी-१३६४ ई॰ मे मधुबनी जिलान्तर्गत विस्फी गॅ॑ाव मे भेल छलनि । म॑डन-भारती, वाचस्पति, नैनन, बवुजन, कैलाश, चुम्मन आदि न्याय, मिभासा, वैदान्तक मिथिलाक मर्मग्य विद्वान छलाह ।
रॅ॑ाटी-मॅ॑गरौनी-पिलखबार के केन्द्र बिन्दू मानि ५ कोसक त्रिज्या लय जे वृताकार छेत्र होयतैक, मिथिलाक प॑चक्रोसी कहबैत छैक । मिथिलाक सा॑स्कृतिक केन्द्र बिन्दु वैह छैक। आधुिनक भारतक सॅ॑िवधान मे हिन्दू-कोड एकटक विभिन्न धारा उदधृत करबा मे मैथिल विद्वानक सराहनीय योगदान छनि ।
Author: Rajni Pallavi
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