चलचित्रम् - सुल्तान (2016)
गायकः - राहत फतेह अली खान
गीतकारः - विशालः शेखरः च
संस्कृतगायकः - राजेशः उपाध्यायः (दिल्ली)
संस्कृतगीतानुवादकः - श्री वाचस्पतिः मौद्गल्यः (गाजियाबाद)
ओ.........
ओ.........
न तेऽलौकिके लोचने क्वचित्
न तदाननम् भास्वत् क्वचित्
नापि हार्दिक्यो वार्ताः क्वचित्
क्वचित् सद्यः स्फूर्तं यौवनं न
जगदभ्रमं त्वत्समा नहि काचित्
जगदभ्रमं त्वत्समा नहि काचित्
न तु प्रेमापूरोहासः क्वचित्
न तु सुमधुरगन्धः
न तु चेतोहरा भंगिमाः
न तु प्रेयस्तद्बाल्यम्
असि यादृशी तिष्ठ तादृश्येव
जगदभ्रमं त्वत्समा नहि काचित्
जगदभ्रमं त्वत्समा नहि काचित्
जगदभ्रमं त्वत्समा नहि काचित्
जगदभ्रमं त्वत्समा नहि काचित्
वर्षाकालीनो क्लिन्नो भवती हरीतिमा
शिशिरे कपोलाधारो भवती हि रक्तिमा
शान्तिर्निशीथकाले .......
शान्तिर्निशीथकाले, उषसीव प्रार्थना
एषणोत्तरीयकेषु संवृतासि त्वं मया
क्वचिज्ज्वति अनल इव
क्वचिद्वर्षाकालीना आपः
क्वचिदाचरणादर्शा
स्वीयवचनादृढा क्वचित्
असि यादृशी तिष्ठ तादृश्येव
जगदभ्रमं त्वत्समा नहि काचित्
जगदभ्रमं त्वत्समा नहि काचित्
स्वीयेषु भाग्येषु साहसस्यवर्णने
सुख-दुःखसंपृक्तेषु सर्वोपहारेषु
संगे त्वं रक्षणीया .......
संगे त्वं रक्षणीया, त्वया संगे स्थेयम्
मम जीवनेऽथ च मम भावनासु
तवाभिज्ञानं मिलति क्वचित्
यत्तुसर्वत्र प्रदर्श्यम्
खलु जानाति हि भवती
पणपालकोऽहं मरणेऽपि
तद्वैकरोमि यद्वदामि
जगदभ्रमं त्वत्समा नहि काचित्
जगदभ्रमं त्वत्समा नहि काचित्
जगदभ्रमं त्वत्समा नहि काचित्
जगदभ्रमं त्वत्समा नहि काचित्
HINDI LYRICS -
ओ.. ना वो अखियाँ रूहानी कहीं
ना वो चेहरा नूरानी कहीं
कहीं दिल वाली बातें भी ना
ना वो सजरी जवानी कहीं
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई
ना तो हंसना रूमानी कहीं
ना तो खुशबू सुहानी कहीं
ना वो रंगली अदाएं देखीं
ना वो प्यारी सी नादानी कहीं
जैसी तू है वैसी रहना
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई जग घूमेया थारे जैसा ना कोई x 4
बारिशों के मौसमों की भीगी हरियाली तू
सर्दियों में गालों पे जो आती है वो लाली तू
रातों का सुकून..
रातों का सुकून भी है सुबह की अज़ान है
चाहतों की चादरों में मैंने है संभाली तू
कहीं आग जलती है बने बरखा का पानी कहीं
कभी मन जाना चुपके से यूँ ही अपनी चलानी कहीं
जैसी तू है वैसी रहना
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई जग घूमेया थारे जैसा ना कोई x 2
अपने नसीबों में या होंसले की बातों में
सुख और दुखों वाली सारी सौगातों में
संग तुझे रखना है..
संग तुझे रखना है तूने संग रहना
मेरी दुनिया में भी मेरे जज्बातों में
तेरी मिलती निशानी कहीं जो है सबको दिखानी कहीं
तू तो जानती है मरके भी मुझे आती है निभानी कहीं
वो ही करना जो कहना
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई जग घूमेया थारे जैसा ना कोई x 4
THANK YOU
Author: Rajesh Upadhyay
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